
धीरज पाण्डेय पिंशु आज़मगढ़ (उत्तर प्रदेश) के मूल निवासी है, ये अभी ट्रांसपोर्ट सेक्टर में काम कर रहे है ,और मेरठ विश्वविद्यालय से LLB भी कर रहें है।दो साल पहले ये उत्तराखंड गए और वहीं पहाड़ों के हो कर रह गए।
धीरज जी बताते हैं कि :-
प्यार करना कोई गुनाह नहीं है,और इसके मायने भी अलग-अलग होते है।प्यार माँ, पिता जी,बहन,प्रमिका,पशु पक्षियों, पेड़ पौधों आदि से होता है।नर्म इश्क़ में सभी को गीतों और कविताओं में बयां किया गया है।ये क़िताब अमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है आप सब इसे यहां से खरीद सकते है ।
पिंशु का का कहना हैं कि क़िताब लिखना कटहल की सब्ज़ी बनाने जैसा है।पहले आप कहानी या कविता का शिर्षक तय कर लें फ़िर उसे धीमी आंच पर पकाते रहिये ।

आप सब को बताते चलें कि इनकी दूसरी क़िताब INSTANT PUBLICATION के द्वारा Ek मलाल बहुत जल्द आप सब के बीच आने वाली है….
